M Jamali by السلام علیکم✍️welcome✍️ Anwar e shariat reading chapter (2),hindi mai

Anwar e shariat reading chapter (2),hindi mai

 

 

  सवाल = रसूल और नबी कौन होते हैं ?

जवाब = रसूल और नबी खुदये तआला के बन्दे और इन्सान होते हैं। अल्लाह तआला ने उनको इन्सान की हिदायत के लिए दुनियां में भेजा है। वह बंदों तक खुदाये तआला का पैगाम पहुंचाते हैं। मुअजिज़े दिखाते हैं और गैब की बातें बताते हैं। झूट कभी नहीं बोलते वह हर गुनाह से पाक साफ़ होते हैं। उनकी तादाद कुछ कम व बेश एक लाख चौबीस हज़ार या तकरीबन दो लाख चौबीस हज़ार है , सब से पहले नबी हज़रते आदम अलैहिस्सलाम है और सबसे आखिरी नबो हमारे पैगम्बर हजरत मुहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हैं। 

सवाल= क्या हम हिन्दुओं के पेशवावों को नबी कह सकते हैं? जवाब = किसी शख्स को नबी कहने के लिए कुरान व हदीस से सुबूत चाहिए और हिन्दुओं के पेशवावों के नबी होने पर कुरान व हदीस से कोई सुबूत नहीं मिलता इस लिए हम उन्हें नबी नहीं कह सकते।







सवाल = हमारे नबी कौन हैं ? 

उनका कुछ हाल बयान कीजिए ? 

जवाब = हमारे नबी हज़रत मुहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम हैं , जो 12 रबीउल अव्वल मुताबिक 20 अप्रैल सन् 571 ई 0 में मक्का शरीफ़ में पैदा हुए उनके वालिद का नाम हज़रते अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम हज़रते आमिना है ( रज़ियल्लाहु तआला अनहुमा ) आप की ज़ाहिरी ज़िन्दगी तिरसठ ( 63 ) बरस की हुई तिरपन ( 53 ) बरस की उम्र तक मक्का शरीफ में रहे फिर दस साल मदीना तैयिबा में रहे 12 रबीउल अव्वल सन् 11 हिजरी मुताबिक़ 12 जून सन् 632 ई 0 में वफ़ात पाई , आपका मज़ारे मुबारक मदीना शरीफ़ में है। जो मक्का शरीफ़ से तकरीबन 320 किलो मीटर उत्तर है। 







सवाल = हमारे नबी की कुछ खूबियां बयान कीजिए ? 

जवाब = हमारे नबी सैयिदुल अंबिया और नबीयुल अंबिया हैं यानी अंबियाएकिराम के सरदार हैं और तमाम अंबिया हुजूर के उम्मती हैं। आप खातमुन्नबीईन हैं यानी आप के बाद कोई नबी नहीं पैदा होगा जो शख्स आप के बाद नबी होने को जाइज़ समझे वह काफ़िर है सारी मखलूकात खुदायेतआला की रज़ा चाहिती है और खुदायेतआला हुजूर की रज़ा चाहता है। हुजूर की फरमाबरदारी अल्लाहतआला की फरमाबरदारी है ज़मीन व आसमान की सारी चीजें आप पर जाहिर थीं दुनिया के हर गोशे और हर कोने में कियामत तक जो कुछ होने वाला है हुजर उसे इस तरह मुलाहिजा फ़रमाते हैं जैसे कोई अपनी हथेली देखे , ऊपर नीचे आगे और पीठ के पीछे यकसां देखते थे। आप के लिए कोई चीज़ आड़ नहीं बन सकती हुजूर जानते हैं कि ज़मीन के अन्दर कहां क्या हो रहा है। खुशू जो दिल की एक कैफियत का नाम है। 

हुजूर उसे भी मुलाहजा फ़रमाते हैं , हमारे चलने फिरने उठने बैठने और खाने पीने वगैरा हर क़ौल व फ़ेल की हुजर को हर वक्त खबर है।

 सवाल =  क्या हमारे नबी जिन्दा हैं ? 

जवाब = हमारे नबी और तमाम अंबियाये किराम अलैहिमुस्सलातु वस्सलाम जिन्दा हैं । हदीस शरीफ़ में है कि सरकारे अकदस सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़रमाया कि खुदायेतआला ने ज़मीन पर अंबियाये किराम अलैहिमुस्सलाम के जिस्मों को खाना हराम फ़रमा दिया है। तो अल्लाह के नबी जिन्दा हैं रोज़ी दिये जाते हैं ,   (मिश्कात 121 पृ ० )

सवाल =  जो शख्स अबियाए किराम के बारे में कहे कि मर कर मिट्टी में मिल गए तो उसके लिए क्या हुक्म है ?

जवाब = ऐसा कहने वाला गुमराह बदमज़हब ख़बीस है।



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