M Jamali by السلام علیکم✍️welcome✍️ Anwar e shariat reading chapter (3)hindi

Anwar e shariat reading chapter (3)hindi







सवाल = कियामत किसे कहते हैं?

उत्तर = क़ियामत उस दिन को कहते हैं जिस दिन हज़रते इसराफ़ील अलैहिस्सलाम सुर फूंकेंगे सूर सींग के शक्ल की एक चीज़ है जिसका आवाज़ सुनकर सब आदमी और तमाम जानवर मर जाएंगे ज़मीन, आसमान, चाँद, सूरज और पहाड़ वगैरह दुनिया की हर चीज़ों को तहस-नहस कर देते हैं। फ़ना हो जाएगा यहाँ तक कि सूरज भी खत्म हो जाएगा और इसराफ़ील अलैहिस्सलाम भी फ़ना हो जाएगा यह वाक़िअह मुहर्रम की दसवीं प्रशंसाल जुमा के दिन होगा।

सवाल = क़ियामत की कुछ निशानियाँ बयान करेंगे? 

उत्तर = जब दुनियां में गुनाह ज़्यादा होने लगे 'हराम' कामों को लोग खुल्लमखुल्ला करने लगे माँ बाप को तकलीफ़ दें और गैरों से मेल जोल रख्खें अमानत में खियानत करें "ज़कात लोगों पर गिरां गुज़रे" दुनियां हासिल करने के लिए इल्मेदीन पढ़ाया जाए " नाच गाने का रवाज ज्यादा हो जाए "बदकार लोग कौम के पेशवा और लीडर हो जाओ चरवाहे वगैरह कम रेटेड के लोग बड़ी बड़ी बोलनों और कोठियों में रहने लगें तो समझ लो कि कियाट करीब आ गया है। 

प्रश्न = जो शख्स कियामत का इन्कार करे उसके लिए क्या हुक्म है। 

 उत्तर = कियामत होना हक़ है उसका इन्कार करने वाला काफिर है।






सवाल = तक़दीर किसे कहते हैं? 

उत्तर = दुनियां में जो कुछ होता है और बन्दे जो कुछ भलाई निकालने करते हैं खुदऐतअला ने उसे अपने इल्म के लक्षणोंफिक पहले से लिख लिया है उसे तक़दीर कहते हैं। 

सवाल = क्या अल्लाहतआला ने जैसा हमारे तक़दीर में लिखा दिया है क्या हमें मजबूरन वैसा करना पड़ता है? 

उत्तर = नहीं अल्लाहतआला के लिखने देने से हमें मजबूरन वैसा करना नहीं पड़ता है बल्कि हम जैसा करने वाले थे अल्लाह तआला ने अपने इल्म से वैसा लिख ​​दिया अगर किसी की तक़दीर में स्पष्ट लिखी तो इस के लिए कि आश्रय करने वाला था। अगर वह भलाई करने वाला होता तो खुदाये तआला उसकी तकदीर में भलाई लिखता खुलासह यह कि खुदाईतला के लिखने देने से बन्दा किसी काम के करने पर मजबूर नहीं किया गया। तक़दीर हक़ है उसका इन्कार करने वाला गुमराह बदमज़हब है।





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