M Jamali by السلام علیکم✍️welcome✍️ वजू के मकरुहात यानी वह बातें जो वजू में न होनी चाहिए।

वजू के मकरुहात यानी वह बातें जो वजू में न होनी चाहिए।


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  वजू के मकरुहात यानी वह बातें जो वजू में न  होनी                                           चाहिये।   
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(01) औरत के गुस्ल या वजू के बचे पानी से वजू करना।
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(02) नजिस जगह वजू़ का पानी गिरना।
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(03) मस्जिद के अन्दर वजू़ करना।
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(04) वजू के पानी के क़तरे वजू के बर्तन में टपकाना।
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(05) क़िबला की तरफ़ कुल्ली का पानी या नाक या खखार या धूक डालना। 
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(06) बे ज़रुरत दुनिया की बातें करना।
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(07) ज़्यादह पानी खर्च करना।
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(08) इतना कम पानी खर्च करना कि सुन्नतें अदा न हों।
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(09) एक हाथ से मुंह घाना।
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(10) मुंह पर पानी मारना।
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(11) वजू के क़तरों को कपड़े या मस्जिद में टपकने देना।
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 (12) वजू की किसी सुन्नत को छोड़ देना।
-----------------------------------समाप्त---------------------------------------------------------------------'''''''''''''''''''---------------------------------

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