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🐟🐟 जा़मोर। 🐟🐟
जा़मोर एक छोटी सी मछली है । इस मछली को इन्सान की आवाज़ बड़ी भली मा ' लूम होती है , इसी लिये किश्ती आती देख कर येह । उस के साथ साथ हो लेती है ताकि इन्सानों की आवाज़ सुनती रहे , जब येह किसी बड़ी मछली को किश्ती पर हमला करने के लिये आते देख लेती है तो फ़ौरन फुदक कर उस के कान के अन्दर घुस जाती है और बराबर फड़क्ती रहती है , बड़ी मछली शिद्दते तक्लीफ़ से किश्ती से रुख मोड़ कर साहिल की तरफ लपक्ती है ताकि किसी पथ्थर पर अपना सर मारे , चुनान्चे जब उसे कोई पथ्थर नज़र आता है तो वोह उस पर ज़ोर ज़ोर से अपना सर पटख्ने लगती है यहां तक कि मर जाती है । जामोर की इस खूबी के पेशे नज़र माहीगीर उस से बहुत प्यार करते हैं और उसे खिलाते रहते हैं और अगर कभी जा़मोर जाल में फंस जाए तो उसे छोड़ देते हैं।
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🐬🐬 वैल मछली। 🐬🐬
आज भी जिन्दा रहने वाले जानवरों में वैल मछली सब से बड़ा जानवर है और वैल मछलियों की एक किस्म जो " ब्लू वैल " कहलाती है वोह साइज़ और वज़्न के ए ' तिबार से वैल मछलियों में सब से बड़ी होती है । एक ब्लू वैल ऐसी भी पकड़ी जा चुकी है जो कि 108 फुट लम्बी और 131 टन ( या ' नी 3668 मन ) से ज़ियादा वज़्नी थी ! ब्लू वैल बर्फानी समुन्दरों में रहती है । तैरते हुए इस की रफ्तार ज़ियादा से ज़ियादा 22 . 68 मील फी घन्टा होती है और उस वक्त रफ्तार की वज्ह से उस की ताकत 520 घोड़ों की ताकत के बराबर होती है । ब्लू वैल का बच्चा पैदाइश के वक़्त 25 फुट तक लम्बा और 7 टन ( या ' नी 196 मन ) से ज़ियादा वज़्नी होता है । 1932 सि . ई . में 89 फुट लम्बी और 119 टन ( या ' नी 3332 मन ) वज़्नी एक ब्लू वैल मछली पकड़ी गई थी , इस मछली की सिर्फ़ ज़बान का वज़्न तीन टन ( या ' नी 84 मन ) था । ( एक टन में 28 मन होते हैं )
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