( मक्का में उतरी - आयतें -7 )
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{अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा ही मेहरबान और रहम करने वाला है।}......
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(1) प्रशंसा ' अल्लाह ही के लिए है जो सारे जहान का रब है।
( 2) बड़ा ही मेहरबान और दया करने वाला है।
( 3) बदला दिए जाने के दिन का मालिक है।
( 4) हम तेरी ही बंदगी करते हैं और तुझी से मदद मांगते हैं।
( 5) हमें सीधा मार्ग दिखा।
( 6) उन लोगों का मार्ग जो तेरे कृपा - पात्र हुए।
( 7) जो प्रकोप के भागी नहीं हुए , जो भटके हुए नहीं हैं।
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