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फिरऔनियां पर तीसरा अजा़ब


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-----------------फिऔनियां पर तीसरा अजा़ब-----------------
                                       घुन
गरज़ एक माह के बाद इन लोगों पर " कुम्मल " का अज़ाब मुसल्लत हो गया। बाज मुफस्सिरीन का बयान है कि येह घुन था जो इन फिरऔनियों के अनाजों और फलों में लग कर तमाम गल्लों और मेवों को खा गया। और बाज़ मुफस्सिरीन ने फ़रमाया कि येह एक छोटा सा कीड़ा था , जो खेतों की तय्यार फ़स्लों को चट कर गया और इन के कपड़ों में घुस कर इन के चमड़ों को काट काट कर इन्हें मुर्गे बिस्मिल की तरह तड़पाने लगा । यहां तक कि इन के सर के बालों , दाढ़ी , मूंछों , भंवों , पलकों को चाट चाट कर और चेहरों को काट काट कर इन्हें चैचक रू बना दिया । येह कीड़े इन के खानों , पानियों और बरतनों में घुस जाते थे । जिस से येह लोग न कुछ खा सकते थे न कुछ पी सकते थे न लम्हे भर के लिये सो सकते थे। यहां तक कि एक हफ्ते में इस कहरे आस्मानी व बलाए नागहानी से बिलबिला कर येह लोग चीख पड़े और फिर 
"हज़रते मूसा" ,अलैहिस सलाम,   के हुजूर हाजिर हो कर दुआ की दरख्वास्त करने लगे और ईमान लाने का अहद देने लगे
 चुनान्चे , आप ने इन लोगों की बेकरारी और गिर्या व जारी पर रहम खा कर दुआ कर दी। और येह अजाब भी रफ्अ दफ्अ हो गया। लेकिन फ़िरऔनियों ने फिर अपने अहद को तोड़ डाला। और पहले से भी ज़ियादा जुल्म व उदवान पर कमर बस्ता हो गए। फिर एक माह के बाद इन लोगों पर मेंडक का अज़ाब नाज़िल हो गया।
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